संदेश

*सब भूल गए, तो भूल जाने दो..* *एक दिन सब याद करेंगे,* *मतलब का दिन तो आने दो..!*🌸🤌🏻

 *सब भूल गए, तो भूल जाने दो..*  *एक दिन सब याद करेंगे,*  *मतलब का दिन तो आने दो..!*🌸🤌🏻 सँभाले रखो तुम अपने ग़ुरूर को 🙏 जहां तक आँखें देख सकती है उस हद तक हम समझौता नहीं करते 🦅

धोख़ा प्यार में

  --- कहानी: “पहली बार... जब भरोसा टूटा” लेखिका की कल्पना पर आधारित — एक युवा लड़की नेहा की आपबीती --- “वो पहली बार था जब किसी ने उसके मासूम दिल को छुआ... ना समझने की उम्र थी, ना इनकार की हिम्मत। बस एक भरोसा था — जो उस रात हमेशा के लिए टूट गया।” --- भाग 1: गांव से शहर तक का सफर नेहा, 16 साल की एक साधारण लड़की थी। एक छोटे से गांव से थी, जहाँ लड़कियाँ सिर्फ़ चूल्हा-चौका सीखती थीं। पर नेहा का सपना कुछ और था — पढ़ाई करना, कुछ बनना, माँ-बाबूजी को गर्व दिलाना। उसकी मां बीमार रहती थी और पिता एक किसान थे। किसी तरह 10वीं तक पढ़ाई पूरी की और फिर मामा के कहने पर उसे शहर भेज दिया गया – “अच्छी पढ़ाई होगी, जीवन सुधर जाएगा।” शहर की रौशनी ने नेहा को चकाचौंध कर दिया। ऊँची इमारतें, चमकते कपड़े, स्मार्ट लोग… सब कुछ नया था, लेकिन कहीं न कहीं डर भी था। मामा के घर में रहकर नेहा कॉलेज जाने लगी। --- भाग 2: एक दोस्ती जो धीरे-धीरे सब बदल गई कॉलेज में उसकी मुलाक़ात हुई अंकित से – एक स्मार्ट, हंसमुख लड़का। वह नेहा से उम्र में 4 साल बड़ा था। नेहा को लगता था कि वह बस दोस्त है, लेकिन अंकित ने धीरे-धीरे उसकी दुनि...

New love story movie download

चित्र
✋👋👋👦👯👯👦👧👧👐💁👯👦  

New movie🎥 scene

चित्र
 

दर्दनाक मौत - एक मासूम की आखिरी पुकार part 2

चित्र
 दर्दनाक मौत – भाग 2 (रीमा की अधूरी कहानी का अगला भाग) रीमा की मौत ने पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया था। जहां पहले लोग अपने बच्चों को खुले में खेलने भेजते थे, अब वहां डर का साया था। रीमा की मां सरोज दिन-रात बस यही सोचती – “क्यों मेरी बेटी के साथ ये हुआ? किसका कसूर था?” पुलिस ने कुछ लोगों को पूछताछ के लिए उठाया, लेकिन जैसे हर बार होता है, इस बार भी पैसे और पहुंच वालों की ताकत हावी हो गई। केस ठंडा पड़ने लगा। मीडिया भी कुछ दिन बाद चुप हो गई। लेकिन सरोज नहीं रुकी। उसने बेटी के नाम एक फाउंडेशन शुरू किया – "रीमा रक्षा अभियान"। वो गांव-गांव जाकर लड़कियों को जागरूक करने लगी, आत्मरक्षा सिखाने लगी और मां-बाप को समझाने लगी कि लड़कियों को सिर्फ घर में बंद करना समाधान नहीं है, बल्कि उन्हें मज़बूत बनाना जरूरी है। एक दिन, सरोज को एक गुमनाम चिट्ठी मिली। उसमें लिखा था – > “रीमा को जिसने मारा, वो गांव का ही है… और अब वो किसी और की बेटी के पीछे है।” ये पढ़कर सरोज कांप गई, लेकिन अब वो डरने वाली नहीं थी। उसने वो चिट्ठी पुलिस को दी और साथ ही मीडिया में फिर से आवाज़ उठाई। इस बार पूरा गांव सरोज के...

दर्दनाक मौत - एक मासूम की आखिरी पुकार part 1

चित्र
दर्दनाक मौत - एक मासूम की आखिरी पुकार रीमा सिर्फ़ 17 साल की थी। एक छोटी सी उम्र, बड़े-बड़े ख्वाब और अनगिनत उम्मीदें। गांव की सीधी-सादी लड़की, पढ़ने में तेज़ और मां-बाप की लाडली। हर सुबह स्कूल जाती, किताबों से प्यार करती थी। लेकिन उसे क्या पता था कि एक दिन उसकी मासूमियत ही उसकी सबसे बड़ी दुश्मन बन जाएगी। एक शाम रीमा स्कूल से लौट रही थी। रास्ता हमेशा की तरह सुनसान और लंबा था। लेकिन उस दिन कुछ अलग था। कुछ लोग पहले से ही झाड़ियों में छिपे हुए थे। जैसे ही रीमा वहां पहुंची, उन्होंने उसे जबरदस्ती रोक लिया। रीमा चीखी, चिल्लाई, हाथ-पैर मारे, लेकिन किसी ने नहीं सुना। वो दरिंदे उसकी चीखों को दबाने में लगे थे और इंसानियत को शर्मसार कर रहे थे। उसके आंसू, उसकी पुकार सब बेकार हो गई। कुछ घंटों बाद, एक राहगीर ने रीमा की लाश को देखा – खून से लथपथ, फटी किताबें पास पड़ी थीं, और चेहरा ऐसा जैसे उसने बहुत कुछ सहा हो। पुलिस आई, लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया, लेकिन इंसाफ अब तक अधूरा है। रीमा अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उसकी दर्दनाक मौत एक सवाल छोड़ गई – "क्या एक लड़की का सुरक्षित घर लौटना भी अब म...

यह एक सच्ची कहानी है, जो प्यार, विश्वास, संघर्ष और समझदारी की मिसाल है। यह कहानी है एक साधारण पति-पत्नी की

 यह एक सच्ची कहानी है, जो प्यार, विश्वास, संघर्ष और समझदारी की मिसाल है। यह कहानी है एक साधारण पति-पत्नी की, जिनका नाम है रवि और सीमा। https://www.facebook.com/share/1CNA7eebPq/ --- एक सच्चा रिश्ता: रवि और सीमा की कहानी रवि एक मध्यमवर्गीय परिवार से था। पढ़ाई में अच्छा था और एक सरकारी नौकरी मिलने के बाद उसकी शादी सीमा से तय हुई। सीमा एक सुलझी हुई, समझदार और भावनात्मक लड़की थी। उसने पढ़ाई तो की थी, लेकिन शादी के बाद वह घर संभालने में लग गई। शादी के शुरुआती दिन बहुत अच्छे थे। दोनों एक-दूसरे को समझने की कोशिश कर रहे थे। रवि ऑफिस जाता और सीमा घर संभालती। वह उसके आने से पहले चाय बना देती, खाना तैयार रखती और दिन भर की बातें मुस्कुराकर सुनती। समय बीतता गया और दोनों के बीच गहरी समझ बनने लगी। लेकिन फिर जिंदगी की असली परीक्षा शुरू हुई। संकट का समय शादी के दो साल बाद रवि की नौकरी चली गई। कारण था ऑफिस की राजनीति और एक गलतफहमी। घर में तनाव बढ़ने लगा। सीमा ने महसूस किया कि रवि अंदर ही अंदर टूट रहा है। मगर उसने हिम्मत नहीं हारी। उसने रवि को समझाया, "जिंदगी में नौकरी तो फिर मिल जाएगी, लेकिन आत्मवि...